बेशक पत्रकार उन सब दबे कुचले और शोषित लोगों की आवाज उठाते है जिन की आवाज को अनसुना कर दिया जाता है पर मुझे लगा की उन पत्रकारों की आवाज कोई नहीं उठाता जो समाज के हर तबके के लिए काम करते हैं और इसी जज्बे ने मुझे यह प्रयास करने का मौका दिया कि हम प्रेस एसोसिएशन ऑफ इंडिया के माध्यम से उन सब की आवाज बने !!! जो सभी की आवाज बनते हैं आइए मिलकर इस कारवां को आगे बढ़ाया जाए | पिछले कुछ वर्षो से देखने में आ रहा है की पत्रकार और उनसे जुड़े अन्य लोगों के साथ अलग अलग तरह के अपराध किये गए है और सत्ता और शासन द्वारा पत्रकारों का उत्पीड़न बढ़ता ही जा रहा है भले ही पत्रकार समाज की हर समस्या पर हर स्तर पर अन्य लोगों के लिए संघर्ष करता है लेकिन जब खुद उसके साथ जुल्म होता है तब मात्र गिने चुने संगठन सामने आ कर अपने दायित्वो की इत्श्री कर लेते हैं पर वास्तव में मीडिया से जुड़े लोगों को अपने लिए खुद ही संघर्ष कर रास्ता निकालना होता है | इन सब कारणों ने ही हमें मजबूर किया की हम लोग आप सब की आवाज़ बने | इसलिए हम आप सब का स्वागत करते हैं की प्रेस ऐसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के मंच पर आइये और अपने अधिकारों के लिए कदम से कदम मिलाकर इस संघर्ष आगे बढ़ाया जाये